कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में हम सभी ने कुछ ना कुछ खोया है, चाहे वह मान सम्मान हो चाहे धन-संपत्ति और सबसे बढ़कर जो खोया है वह है अपनों का साथ। जो परिवार से व्यक्ति अलग हो या फिर असमय अकाल मृत्यु ने अपनों को अपने से छीन लिया है। लॉकडाउन से बड़े से बड़े व्यक्ति की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है।
खोया मान सम्मान और धन एक बार वापस आ सकता है ,परंतु जो दुनिया को ही छोड़कर असमय चला गया उसे कैसे वापस लाया जाए और प्रकृति के सामने इंसान यही पर मजबूर हो जाता है।
कोरोना महामारी से उत्पन्न विपदाओं से मानव समाज को उबारने के लिए विश्व में पहली बार विश्वकल्याण तथा समाज कल्याण व विश्व आपदा निवारण हेतु परमपूज्या साध्वी सरस्वती जी के पावन सानिध्य में एक महा यज्ञ करवाया जा रहा है।
यह महायज्ञ विश्वकल्याण हेतु 5100 हजार श्री यंत्रों के महाअनुष्ठान प्राण प्रतिष्ठित 1100000 लाख मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित श्री यंत्र होंगे जो 21 ब्राम्हणो द्वारा सिद्ध होंगे जिन्हे समाज के लोगो को दिया जायेगा।
यह अपने आप में अनूठा प्रयास है इसी के मद्देनजर दिनाँक २० अगस्त को साध्वी सरस्वती मुम्बई प्रवास पर आ रही है। इस महायज्ञ की शुरुआत मुम्बई से हो रहा है क्योकि मुम्बई भारत की आर्धिक राजधानी है। साध्वी कहती है देश के सभी बड़े शहर का आपदा निवारण होना चाहिए , और यज्ञ अनुष्ठान यैसे माध्यम है जो मानव जीवन को सुरक्षित रखता है।
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